मखाने की खेती से लाखों कमाने का मौका, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, जानिए सभी जरूरी बातें
Makhana Cultivation: मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. राज्य सरकार ने किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए मखाना विकास योजना शुरू की है. राज्य सरकार मखाना की खेती के लिए 72,750 रुपये सब्सिडी दे रही है.
(Photo- Bihar Govt.)
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Makhana Cultivation: अगर आप खेती-किसान को अपनी कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं तो मखाने की खेती (Makhana Farming) शुरू कर सकते हैं. इसकी मांग देश-विदेश में हैं. दुनिया भर के मखाने का करीब 80-90% उत्पादन सिर्फ बिहार में होता है. बिहार में मखाना अनुसंधान केंद्र भी है. मिथिला मखाना को 16 अगस्त 2022 को जीआई टैग (GI) मिला है. ऐसे में मखाने की खेती से बेहतर कमाई की जा सकती है.
मखाने की खेती पर बिहार सरकार दे रही सब्सिडी
मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. बिहार सरकार ने किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए मखाना विकास योजना शुरू की है. एक हेक्टेयर में मखाना की खेती करने के लिए 97,000 रुपये की लागत आती है. इस पर बिहार सरकार 75% सब्सिडी या 72,750 रुपये की सब्सिडी देगी. इसका मतलब आपको अपनी जेब से सिर्फ 24,250 रुपये खर्च करने होंगे.
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बिहार सरकार के कृषि उद्यान निदेशालय ने ट्वीट में कहा, मखाना विकास योजना के जरिए सबौर मखाना-1 और स्वर्ण वैदेही प्रभेद का उपयोग कर मखाना का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाएं. मखाना उपजाएं अधिक आमदनी पाएं. अधिक जानकारी के लिए अपने जिला के सहायक निदेशक, उद्यान से संपर्क करें.
पानी में उगाया जाता है मखाना
मखाना (Makhana) ऐसी फसल है, जिसे पानी में उगाया जाता है. मखाने में करीब 9.7 ग्राम प्रोटीन और 14.5 ग्राम फाइबर होता है. यह कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है. GI टैग से पहले किसी भी सामान की गुणवत्ता, उसकी क्वालिटी और पैदावार की अच्छे से जांच की जाती है. यह तय किया जाता है कि उस खास वस्तु की सबसे अधिक और ओरिजिनल पैदावार उसी राज्य की ही है.
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खाना प्रोसेसिंग इंडस्ट्री
इसके अलावा बिहार सरकार का कृषि विभाग उद्यान निदेशालय बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (BAIPP) के तहत एग्री प्रोसेसिंग और एग्री आधारित उद्योग के निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी देगी. बीएआईपीपी योजना के तहत व्यक्तिगत निवेशकों के लिए 15% तक की कैपिटल सब्सिडी और किसान उत्पादक संगठनों (FPO/FPC) के लिए 25% तक कैपिलल सब्सिडी दी जा रही है.
कब करें मखाने की खेती (Makhana Farming)
बिहार के मिथिलांचल में बड़े स्तर पर मखाना की खेती होती है. इसकी खेती में दो फसलें ली जा सकती हैं. पहला है मार्च में लगाएं और फिर अगस्त-सितंबर में हार्वेस्टिंग करें. वहीं दूसरी फसल सितंबर-अक्टूबर में लगाएं, जिसकी हार्वेस्टिंग फरवरी-मार्च में करें. मखाने के फल कांटेदार होते है. एक से दो महीने का समय कांटो को गलने में लग जाता है. पानी की निचली सतह से किसान उन्हें इकट्ठा करते हैं, फिर इसके बाद प्रोसेसिंग का काम शुरू किया जाता है.
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धूप में बीजों को सुखाया जाता है. बीजों के आकार के आधार पर उन की ग्रेडिंग की जाती है. मखाना के फल का ऊपरी सतह बहुत सख्त होता है, उसे उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है और उसी तापमान पर उसे हथौड़े से फोड़ कर लावा को निकलते है.
कितनी हो सकती है कमाई
मखाने की खेती में न तो खाद और न ही कीटनाशक का इस्तेमाल होता है. मखाना से कितनी कमाई होगी, यह तालाब के साइज पर निर्भर करता है. इससे आराम से 3 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है. इसके डंठल बेचकर भी पैसा कमा सकते हैं. मखाना की खेती करने के लिए मखाना का बीच खरीदने में ज्यादा खर्च नहीं है.
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02:38 PM IST